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Shiv chalisa lyrics pdf - An Overview

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काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥ अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते https://shivchalisas.com

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