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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है और मैं तुम्हें अपने सपनों में पुकारता हूँ। हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है https://youtu.be/Lug0ffByUck

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