मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती। कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे तन्हाई की रातों में, दिल की बातें https://youtu.be/Lug0ffByUck